हितग्राहियों के घर तक सरकार पहुंचा रही पैलियेटिव केयर; आशाओं को प्रशिक्षित कर किया जा रहा है
भोपाल मध्यप्रदेश
भोपाल. : पेलिएटिव केयर का विस्तार करते हुए इसे नागरिकों के लिए सुलभ बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को इससे जोड़ा जा रहा है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को 5 दिवसीय प्रशिक्षण देकर बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल और पेलिएटिव केयर के बारे में जानकारी दी जा रही है। जिससे कि वे समुदाय स्तर पर इन सेवाओं की प्रदायगी और अधिक दक्षता के साथ प्रदान कर सकें। पूर्व में चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसर्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

आशा कार्यकर्ता समुदाय का एक महत्वपूर्ण अंग है। उनके माध्यम से शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक परामर्श सेवाएं मरीजों को दी जाएगी। इसके अलावा दर्द, सांस फूलना, रक्तस्राव, मितली, उल्टी, कब्ज, दस्त, घाव देखभाल, बैकसोर, पेरेनियम केयर सलाह भी दी जाएगी। मरीज और परिवारजनों की काउंसलिंग, परिवार के सदस्यों को मरीज की देखभाल एवं दवा के उपयोग के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
पेलिएटिव केयर की आवश्यकता मुख्यतः हृदय रोग, कैंसर, गंभीर श्वसन रोग, एड्स, डायबिटीज के मरीजों में होती है। इसके अलावा किडनी में खराबी, लीवर की पुरानी बीमारी, रूमेटाइड आर्थराइटिस, न्यूरोलॉजिकल रोग, मनोभ्रंश, जन्मजात विसंगतियों और दवा प्रतिरोधी टीबी शामिल है। पैलिएटिव केयर गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों, उनके परिवारों और देखभाल करने वालों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती है।
आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल के साथ-साथ पेलिएटिव केयर की आवश्यकता होने पर ऐसे लोगों और उनके परिजनों को सेवाएं दी जावेगी। कार्यक्रम के तहत 60 से ऊपर वाले लोगों की जानकारी केसशीट में संधारित की जाएगी। वृद्धजनों की प्रत्येक 6 माह में जांच कराई जाएगी एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा जांच के लि4 हितग्राहियों को मोटिवेट किया जाएगा।
- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि पैलिएटिव केयर सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का #उन्मुखीकरण किया जा रहा है ताकि वे मरीज में दिखने वाले गंभीर लक्षणों की शीघ्र पहचान कर उसे पैलिएटिव देखभाल सेवाएं दे सके। पेलिएटिव केयर देकर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने का संभावनाओं को भी न्यूनतम किया जा सकता है।