अधि वक्ताओ को मिली राहत |
वकीलों का मानना था कि यह विधेयक उनके अधिकारों का हनन है। वे अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे थे।
इस विधेयक के विरोध का एक मुख्य कारण यह भी था कि इसमें विदेशी लॉ फर्मों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति देने का प्रस्ताव था। कई भारतीय वकीलों को डर था कि इससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी।
इस विधेयक के वापस लेने से फिलहाल वकीलों को राहत मिली है। देखना होगा कि सरकार आगे क्या कदम उठाती है।
यह भी देखना होगा कि सरकार वकीलों की चिंताओं को कैसे दूर करती है। क्या सरकार नए सिरे से विचार-विमर्श करके एक ऐसा विधेयक ला पाएगी जो सभी को स्वीकार्य हो,
यह एक बड़ा सवाल है।
