मध्य प्रदेशराजनीति

*डॉ.अम्बेडकर विश्वविद्यालय, इंदौर में शैक्षणिक अनियमितताओं लगा अंबार |

इंदौर

 

  1. कल दिनांक 21 जुलाई 2025 को भीम आर्मी स्टूडेंट्स फेडरेशन (BASF) द्वारा डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू में विधि विभाग के परीक्षा परिणाम में हुई गंभीर अनियमितताओं एवं M.Sc. Agriculture पाठ्यक्रम को पुनः प्रारंभ किए जाने की मांग को लेकर PRO VC महोदय को कुलपति महोदय के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।

इस कार्यक्रम का नेतृत्व सिद्धार्थ गुरु चौहान (जिला संयोजक, BASF इंदौर) एवं श्रीयांश गजभिए (अध्यक्ष, BASF BRAUSS) द्वारा किया गया। उनके साथ संगठन के प्रमुख पदाधिकारीगण खलील उल्लाह (उपाध्यक्ष), महक तिरपुड़े (उपाध्यक्ष), विशाल जोहरिया (उपाध्यक्ष), आरती तायड़े (उपाध्यक्ष), राहुल बंसल (महासचिव), शुभम परमार (प्रभारी), अवधेश गुर्जर (सचिव) एवं प्रियांशु जाटव (कोषाध्यक्ष) प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के B.A. LL.B., LL.M. एवं B.Sc. Agriculture विभागों के अनेक छात्र-छात्राएं भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।

ज्ञापन में विधि विभाग के हाल ही में घोषित परीक्षा परिणामों की अनियमितताओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया गया कि कई छात्रों को परीक्षा में उपस्थित होने के बावजूद “अनुपस्थित” दर्शाया गया है, और कई के अंक गलत दर्ज हुए हैं। प्राप्त आँकड़ों के अनुसार B.A. LL.B. प्रथम सेमेस्टर में 58 में से 15, चतुर्थ सेमेस्टर में 55 में से 8 तथा पंचम सेमेस्टर में 37 में से 7 छात्रों को ATKT मिला है। वहीं LL.M. में प्रथम सेमेस्टर में 53 में से 20 और तृतीय सेमेस्टर में 36 में से 12 छात्रों को ATKT मिला है, जो कि एक बड़ी शैक्षणिक चूक को दर्शाता है।

ज्ञापन में प्रमुख रूप से यह मांगे रखी गईं कि परीक्षा परिणामों की निष्पक्ष जांच एवं पुनर्मूल्यांकन कराया जाए, विश्वविद्यालय में बंद किया गया M.Sc. Agriculture पाठ्यक्रम पुनः प्रारंभ किया जाए, कृषि विभाग में स्थायी HOD की नियुक्ति एवं अनुभवी फैकल्टी की बहाली की जाए, ICAR के मानकों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, Ambedkar Thought and Philosophy तथा Indian Constitution and Social Change जैसे विषयों की नियमित कक्षाएं चलाई जाएं, एवं छात्रों के लिए पर्याप्त अध्ययन कक्षों की व्यवस्था की जाए।

भीम आर्मी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि इन सभी मांगों पर शीघ्र विचार कर उचित कार्रवाई की जाए, अन्यथा छात्र संघ आने वाले समय में आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा।

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