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*अशोक नगर के बांसपुर गांव में सरकारी रास्ते पर अवैध कब्जे से हुई मौत*

अशोक नगर

*अशोक नगर:- बांसपुर गांव में एक दुखद घटना में, सरकारी रास्ते पर हुए अवैध कब्जे और अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक युवक की जान चली गई। नीरज अहिरवार नाम के युवक की मृत्यु तब हुई जब एक ट्रैक्टर से बिजली का तार टूट गया, जिसकी चपेट में आकर उन्हें करंट लग गया। इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की लचर व्यवस्था और भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।

*घटना का विवरण*
ग्रामीणों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब एक ट्रैक्टर सरकारी रास्ते से गुजर रहा था। रास्ते पर अवैध कब्जा होने के कारण ट्रैक्टर से बिजली का एक तार टूट गया। तार की चपेट में आने से नीरज अहिरवार गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजन और ग्रामीण उन्हें तुरंत सरकारी अस्पताल ले गए, लेकिन आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
इस घटना के बाद, ग्रामीणों और अहिरवार समाज के लोगों में भारी आक्रोश है। वे नीरज के शव के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट पर इकट्ठा हुए और न्याय की मांग करते हुए चक्का जाम और धरना प्रदर्शन किया।

*ग्रामीणों के आरोप*
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में सरकारी रास्तों पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। इन कब्जों की शिकायतें बार-बार करने के बावजूद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता। उन्होंने बताया कि यह पहली बार नहीं है; दो-तीन साल पहले भी इसी परिवार के एक और बेटे की करंट लगने से मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ने तब भी कोई सबक नहीं सीखा। ग्रामीणों ने इस घटना के लिए बिजली विभाग के लाइनमैन, पटवारी, सचिव और अस्पताल के लापरवाह डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है।
*ग्रामीणों की मुख्य मांगें*

* दोषियों पर सख्त कार्रवाई: ग्रामीणों ने लापरवाह अधिकारियों जैसे लाइनमैन, पटवारी, सचिव और डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
* अवैध कब्जों पर रोक: उन्होंने सरकारी रास्तों पर कब्जा करने वाले दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जो सरकारी कर्मचारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से ऐसा कर रहे हैं।
*मुक्तिधाम का रास्ता खाली कराएं*
ग्रामीणों ने मुक्तिधाम जाने वाले रास्ते पर बने अवैध तालाब को हटाने और रास्ता साफ करने की भी मांग की।
प्रशासन का आश्वासन
ग्रामीणों के विरोध के बाद, प्रशासन हरकत में आया। उन्होंने ग्रामीणों की सभी मांगों को स्वीकार कर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। लापरवाही के आरोप में डॉक्टर को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, बिजली विभाग के लाइनमैन, पटवारी, और सचिव सहित अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी जांच कर FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
अब यह देखना बाकी है कि क्या प्रशासन अपने वादे पर खरा उतरता है और पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाता है, या यह मामला भी सिर्फ कागजी आश्वासन बनकर रह जाएगा।

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