सागर जिले के कर्मचारियों ने मुख्यालय पर लगाया प्रताड़ना का आरोप मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली 108 एम्बुलेंस सेवा एक बार फिर विवादों में है। सागर जिले में 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि रिश्वत न देने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और नौकरी से निकाला जा रहा है।
शिकायत पत्र में, कर्मचारियों ने बताया है कि 108 एम्बुलेंस वाहन के अधिकारी रविन्द्र खरे हर महीने उनसे रिश्वत की मांग करते हैं। जो कर्मचारी रिश्वत नहीं देते, उन्हें नौकरी से हटा दिया जाता है। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले कुछ महीनों में 50 से ज़्यादा लोगों को इसी कारण से नौकरी से निकाला गया है।
यह मामला सिर्फ आर्थिक प्रताड़ना तक सीमित नहीं है। कर्मचारियों ने यह भी बताया है कि इस मानसिक दबाव के कारण पूर्व में कुछ कर्मचारियों ने आत्महत्या और आत्मदाह करने की कोशिश भी की थी। इसके बावजूद, अधिकारी के खिलाफ कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई है।
पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार एचआर विभाग और उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, क्योंकि एचआर विभाग के अधिकारी भी इस मिलीभगत में शामिल हैं। नौकरी गंवाने के बाद ये कर्मचारी गंभीर आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले को जल्द से जल्द संज्ञान में नहीं लिया गया और उन्हें वापस काम पर नहीं बुलाया गया, तो समस्त 108 स्टाफ आंदोलन के लिए मजबूर होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यालय 108 भोपाल और शासन-प्रशासन की होगी।
इस पूरे मामले पर फिलहाल 108 मुख्यालय भोपाल या संबंधित अधिकारियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हम इस खबर पर अपनी नज़र बनाए रखेंगे।
[ संविधान समाचार] ।हीरा लाल अहिरवाल ], की खबर

