धम्म ध्वज यात्रा का भव्य समापन: बौद्ध समाज ने लिया एकता और सेवा का संकपल्
इंदौर
इंदौर शहर में महाबोधि मुक्ति आंदोलन के तहत निकाली गई ‘धम्म ध्वज यात्रा’ का भव्य और शांतिपूर्ण समापन किया गया।

इस ऐतिहासिक यात्रा के समापन के साथ ही बौद्ध समाज के पवित्र ‘वर्षावास’ कार्यक्रम का भी सामूहिक रूप से समापन हुआ।
भंते विनयचार्य के नेतृत्व में हुई यात्रा
यह धम्म ध्वज यात्रा शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरी, जिसमें बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायियों ने भाग लिया। यह यात्रा प्रमुख बौद्ध भिक्षु भंते विनयचार्य के कुशल नेतृत्व में आयोजित की गई। समापन समारोह में शहरभर से हजारों समाजजन शामिल हुए, जो बौद्ध धर्म के प्रति उनकी गहरी आस्था और समर्पण को दर्शाता है।
यह धम्म ध्वज यात्रा देशव्यापी ‘महाबोधि मुक्ति आंदोलन’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी। यह आंदोलन बोधगया स्थित बौद्धों के सबसे पवित्र स्थल, महाबोधि महाविहार को पंडितों के कथित अतिक्रमण से मुक्त कराकर उसका प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग को लेकर देशव्यापी स्तर पर चलाया जा रहा है। इंदौर में इस यात्रा का समापन इस आंदोलन को एक मजबूत समर्थन देता है।
तीन माह तक चलने वाले वर्षावास (जो भिक्षुओं और उपासकों द्वारा ध्यान, अध्ययन का समय का भी इस भव्य समारोह के साथ सामूहिक समापन हुआ, जिसने धार्मिक वातावरण को और भी अधिक पवित्र बना दिया।
महाबोधि मुक्ति आंदोलन के तहत निकाली गई यात्रा, वर्षावास का भी हुआ सामूहिक समापन हुआ, हजारों समाजजन हुए शामिल
बौद्ध समाज के प्रतिनिधियों – सुदेश बागड़े, शुभम रायपुरे और शशिकांत वानखेड़े ने इस अवसर पर बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज में भगवान बुद्ध के ‘धम्म’, आपसी ‘एकता’ और ‘करुणा’ के महत्वपूर्ण संदेश को व्यापक रूप से फैलाना था। समापन समारोह में सभी समाजजनों ने एक स्वर में एकता और समाज सेवा का दृढ़ संकल्प लिया।