अशोक नगर जिले के 90% गांव पर बेदखली का खतरा, सरकारी जमीन पर बसे ग्रामीणों से बेवजह’ वसूली |
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:*अशोक नगर जिले के 90% गांव पर बेदखली का खतरा, सरकारी जमीन पर बसे ग्रामीणों से बेवजह’ वसूली|
(अशोकनगर): अशोक नगर जिले के 90% गांव पर बेदखली का खतरा, सरकारी जमीन पर बसे ग्रामीणों को बेबजह परेशान किया जा रहा है.
(अशोकनगर) के: चंदेरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुरायला में उस समय हड़कंप मच गया, जब गांव के लगभग 90 प्रतिशत निवासियों को उनके आवास खाली करने के नोटिस थमा दिए गए। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी जमीन पर बने इन मकानों को खाली न करने के एवज में स्थानीय पटवारी द्वारा उनसे बेबजह ₹10,000 की वसूली की जा रही है, *क्या है मामला?*ग्राम कुरायला की अधिकांश आबादी दशकों से शासकीय भूमि पर आवास बनाकर रह रही है। हाल ही में, हल्का नंबर 25 की पटवारी गुरजीत कौर द्वारा ग्राम पंचायत में चुनिंदा नामों को चिन्हित कर बेदखली के नोटिस जारी किए गए।
स्थानीय निवासी ने बताया कि अनधिकृत निर्माण पर जुर्माना लिया जा रहा है., लेकिन पटवारी द्वारा नोटिस थमा कर ₹10,000 की मांग की जा रही है, जिसे ‘जुर्माना’ बताया जा रहा है।*बेदखली के आदेश जारी:*ग्रामीणों का आरोप है कि जो लोग राशि जमा नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ नायब तहसीलदार द्वारा भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 का हवाला देते हुए बेदखली कर अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा बेबजह से पूरी बस्ती को विस्थापित करने की कोशिश की जा रही है, प्रभावित ग्रामीण ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत तहसीलदार कार्यालय, से आधिकारिक जानकारी मांगी है।ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि वे इस बेबजह वसूली को तुरंत रोकें। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल एक या दो मकानों का मामला नहीं है, बल्कि एक बस्ती को छोड़कर पूरा गांव ही शासकीय भूमि पर बसा हुआ है। ऐसे में, प्रशासन को विस्थापन से पहले पुनर्वास की नीति पर विचार करना चाहिए, न कि बेबजह वसूली और बलपूर्वक बेदखली पर |
