मुरादाबाद में सार्वजनिक मार्ग के निर्माण को लेकर विवाद; बौद्ध भिक्षु और ग्रामवासियों पर जानलेवा हमला , पुलिस जांच में जुटी
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मुरादाबाद में सार्वजनिक मार्ग के निर्माण को लेकर विवाद; बौद्ध भिक्षु और ग्रामवासियों पर जानलेवा हमले का आरोप, पुलिस जांच में जुटी
विवाद और सरकारी कार्य में बाधा
मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद के तहसील व थाना छजलैट क्षेत्र के ग्राम मुण्डाला मौहम्मद अमापुर ढकैड़ा पश्चिम में एक सार्वजनिक रास्ते के निर्माण को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। प्रार्थी द्वारा प्रशासन को दिए गए एक लिखित निवेदन के अनुसार, ग्राम में स्थित महात्मा गौतम बुद्ध मानव कल्याण सेवा ट्रस्ट/बौद्ध मन्दिर और उसमें स्थापित बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा तक जाने का एकमात्र 12 फीट चौड़ा रास्ता है। यह रास्ता पिछले 30-40 वर्षों से उपयोग में लाया जा रहा है।
वर्तमान में, ग्राम प्रधान द्वारा इस रास्ते पर इंटर लॉक टाइल्स (खण्डन्जे) का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन गाँव के कुछ दबंग व्यक्ति सरकारी निर्माण कार्य में बाधा डाल रहे हैं।
विरोध करने वाले व्यक्तियों के नाम:
निवेदन में जिन व्यक्तियों पर निर्माण कार्य रोकने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
* चन्द्रप्रकाश पुत्र स्व. महावीर सिंह
* उमेश पुत्र जसराम
* विशाल, हिमांश पुत्रगण ओमपाल सिंह
* रेखा पत्नी ओमपाल
* राखी पत्नी चन्द्रप्रकाश
* कमल (कांस्टेबल, यू.पी. पुलिस) पुत्र जसराम
* प्रिंस (कांस्टेबल, यू.पी. पुलिस) पुत्र उमेश
* मुनेश (दारोगा, यू.पी. पुलिस) पुत्र जसराम
प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि विरोध करने वाले समूह में पुलिस विभाग से जुड़े कुछ सदस्य भी शामिल हैं, जिससे वे हेकड़ी और दबंगई दिखाते हैं।
जानलेवा हमला और मारपीट का आरोप
प्रार्थी के अनुसार, विरोध करने पर उन पर और उनके परिवार पर मारपीट की जा रही है। दिनांक 04.11.2025 को समय करीब 3 बजे, आरोपी चन्द्रप्रकाश कथित तौर पर शराब पीकर आया और ट्रस्ट संचालक महावीर सिंह उर्फ सम्घोष भन्ते जी (बौद्ध भिक्षु) को गाली गलौज करने लगा।
जब प्रार्थी ने विरोध किया, तो चन्द्रप्रकाश अपने हाथ में फावड़ा लेकर भन्ते जी पर जानलेवा हमला करने के लिए भागा। भन्ते जी ने भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद प्रार्थी पर भी जानलेवा हमला किया गया और मारपीट की गई।
डायल 112 और पुलिस की कार्यवाही
हमले की घटना का वीडियो मौके पर मौजूद अन्य व्यक्तियों द्वारा बना लिया गया। तत्काल डायल 112 को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और प्रार्थी व अन्य लोगों से पूछताछ की। पुलिस को इस दौरान रास्ते के निर्माण को रोके जाने की जानकारी भी दी गई।
प्रार्थी ने निवेदन किया है कि चूंकि यह सेवा ट्रस्ट जनकल्याण हेतु संचालित किया जा रहा है और यहाँ जाने का कोई अन्य रास्ता नहीं है, इसलिए सरकारी निर्माण कार्य को निर्बाध रूप से पूरा कराया जाए और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
वर्तमान स्थिति
पुलिस ने शिकायत के आधार पर मौके का मुआयना किया है और घटना की जांच शुरू कर दी है। प्रार्थी ने अपनी और ट्रस्ट संचालक की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है, विशेषकर आरोपी उमेश के सगे भाई के पुलिस विभाग में चौकी इंचार्ज होने के चलते।
हम प्रशासन से अपील करते हैं कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच करें और सार्वजनिक मार्ग के निर्माण को सुनिश्चित करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखें।