*इंदौर में भीम आर्मी ने ग्वालियर हाई कोर्ट के आंबेडकर मूर्ति के विरो को लेकर दिया ज्ञापन*
Indore
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, ग्वालियर खंडपीठ द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में न्यायालय परिसर में भारत रत्न, संविधान निर्माता परम पूज्यनीय डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की

प्रतिमा लगाए जाने का विरोध करने वाले कुछ जातिवादी मानसिकता रखने वाले वकीलों के खिलाफ अवमानना व कानूनी कार्यवाही कराए जाने तथा जल्द से जल्द HC द्वारा पूर्व पारित आदेशानुसार डॉ. अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थापित कराए जाने के संबंध में भीम आर्मी ने ज्ञापन दिया, अवगत कराया है कि गरीबों, शोषितों, वंचितों, पीड़ितों तथा एससी/एसटी, ओबीसी समाज के भाग्यविधाता, नारी के मुक्तिदाता, महान समाज सुधारक, महान राजनीतिज्ञ, महान अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, संविधान निर्माता, भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी देश के करोड़ों लोगों के मसीहा हैं। उनके अनुयायी देश के कोने-कोने में बसे हैं जो उनकी विचारधारा को अपनाते हैं और डॉ. अंबेडकर से विशेष स्नेह एवं लगाव रखते हैं। उनके द्वारा समाज के उत्थान हेतु किए गए अतुलनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में उनकी प्रतिमा विधिवत स्थापित की गई है, जो सामाजिक न्याय, समर्पण एवं बलिदान का प्रतीक है।इसी क्रम में, डॉ. अंबेडकर जी की प्रतिमा को ग्वालियर उच्च न्यायालय परिसर में स्थापित करने हेतु खंडपीठ के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा विधिवत आदेश पारित किए गए थे तथा वहां की स्थानीय बार के अधिकतर वकील साथियों ने आर्थिक सहयोग से प्रतिमा बनवाकर लाई थी। परंतु जैसे ही प्रतिमा स्थापना का कार्य प्रारंभ हुआ, कुछ जातिवादी मानसिकता रखने वाले वकीलों ने प्रतिमा स्थापना का विरोध किया और न्यायालय के आदेश में जानबूझकर बाधा उत्पत्र की। उन्होंने मूर्ति स्थापना का समर्थन करने वालों के साथ मारपीट, गाली-गलौज, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अनुसूचित जाति समाज के नागरिकों एवं वकीलों को अपमानित किया। संबंधित कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।हम संविधान में पूर्ण विश्वास रखने वाले नागरिक सामाजिक कार्यकर्ता, बहुजन समाज के प्रतिनिधि एवं वकील हैं। इस घटना से हम सब आहत हैं और देशभर में अंबेडकरवादी समाज में रोष व्याप्त है।भीम आर्मी कहा की अगर हमारी मांग पूरी नही की तो आगे उग्र आंदोलन करने के लिए विवस् होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदार प्रशासन की होगी |