*अशोकनगर, मध्य प्रदेश: शिक्षा के मंदिर में मर्यादा और सम्मान की धज्जियां उड़ाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दो अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर का कथित तौर पर अपमान किया गया है। इन घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों और विभिन्न संगठनों में भारी आक्रोश है।

कन्या महाविद्यालय में हनुमान जी की तस्वीर:
पहला मामला अशोकनगर के कन्या महाविद्यालय से सामने आया है। यहां के प्रिंसिपल श्री महेंद्र रघुवंशी पर आरोप है कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के समारोह के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीरों की जगह भगवान हनुमान की तस्वीर लगाई। यह कृत्य राष्ट्रीय पर्व के संवैधानिक और ऐतिहासिक महत्व का घोर अपमान माना जा रहा है।
उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षिका ने हटाई तस्वीरें:
दूसरा और अधिक विवादित मामला जिला उत्कृष्ट हायर सेकेंडरी स्कूल का है। यहां की माध्यमिक शिक्षिका श्रीमती रश्मि रघुवंशी पर आरोप है कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस समारोह के मंच पर रखी महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर की तस्वीरों को हटा दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब एक अन्य शिक्षक, श्री राकेश अहिरवार ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो शिक्षिका ने यह कहते हुए तस्वीरें फिर से हटा दीं कि “स्वतंत्रता दिवस पर इन तस्वीरों को नहीं रखते।” इस घटना ने शिक्षा जगत में महापुरुषों के प्रति सम्मान पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बसपा और स्थानीय लोगों का विरोध:
इस घटना के बाद, मौके पर मौजूद युवाओं और स्थानीय नागरिकों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। बाद में, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी इस मामले को उठाया और जिला शिक्षा अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। बसपा ने दोषी शिक्षिका और उस समय मौजूद प्राचार्य के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व विवादों का इतिहास:
शिकायत में यह भी बताया गया है कि श्रीमती रश्मि रघुवंशी पहले भी विवादों में रही हैं। उन पर पहले भी ब्राह्मण समाज के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप लग चुका है, जिसके चलते उन्हें निलंबित भी किया गया था। इसके बावजूद, वह नियमों के विपरीत उत्कृष्ट विद्यालय में कार्यरत हैं।
प्रशासन पर दबाव:
यह पूरा मामला अब तूल पकड़ चुका है। लोग जिला कलेक्टर से तत्काल हस्तक्षेप करने और दोषी व्यक्तियों को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कुछ लोग राष्ट्रीय प्रतीकों और संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं रखते। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है और न्याय सुनिश्चित करता है। हम इस मामले पर लगातार नजर बनाए रखेंगे।