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डॉ. बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस का भव्य आयोजन |

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अम्बेडकर नगर (महू), 6 सितंबर 2025। डॉ. बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में शनिवार को विधि एवं सामाजिक न्याय अध्ययनशाला के छात्रों ने शिक्षक दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलगुरू और कुलसचिव का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में विधि अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता मसानी और सभी फैकल्टी सदस्य, जिनमें आकाश डहरिया, संजय चौधरी, अनंत चौरे, प्रीति कनाडिया और गीता परतेती शामिल थीं, उपस्थित रहे।


कार्यक्रम का आरंभ डॉ. मसानी द्वारा भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर, भगवान गौतम बुद्ध, ज्ञान की देवी माता सरस्वती और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया।
मंच संचालन का दायित्व अनुष्का सिंह, ज्योतिर्मय बागेश्वर, प्रियांशी वर्मा और श्रेया भार्गव ने बखूबी निभाया। समारोह में विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें बी.ए.एलएल.बी. की छात्रा भाग्यश्री पिल्लई का सांस्कृतिक गीत और अन्य छात्रों का नृत्य शामिल था।   मनोरंजन के लिए कई खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। राहुल बंसल और तुलसी जैसे कई विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए।

विधि एवं सामाजिक न्याय अध्ययनशाला के वरिष्ठ छात्र श्रवण कुमार चौधरी ने शिक्षक दिवस के महत्व और एक बेहतर समतामूलक समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में शिक्षकों और छात्रों की समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

समारोह के समापन पर विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता मसानी ने छात्र श्रवण कुमार चौधरी के विचारों का समर्थन किया और विधि अध्ययनशाला की प्रगति पर गर्व व्यक्त किया। अपने प्रेरक भाषण में डॉ. मसानी ने कहा कि शिक्षक केवल किताबी ज्ञान नहीं देते, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन को दिशा और उद्देश्य भी प्रदान करते हैं।
डॉ. मसानी ने बताया कि विधि अध्ययनशाला की शुरुआत मात्र 38 विद्यार्थियों से हुई थी और आज 350 से अधिक छात्र यहाँ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो कि एक गर्व का विषय है। उन्होंने इसे छात्रों की संख्या नहीं, बल्कि उन परिवारों और समाज का विश्वास बताया। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज का छात्र कल का नागरिक और नेतृत्वकर्ता है, और न्यायप्रिय, संवेदनशील व ईमानदार बनकर ही भारत को विकसित बनाने का सपना साकार हो पाएगा।
उन्होंने अपने आशीर्वचनों में यह भी कहा कि समाज में परिवर्तन की शुरुआत कक्षा से होती है, और यदि विद्यार्थी संविधान और कानून के मूल्यों को समझेंगे तो न केवल समाज में समानता और न्याय स्थापित होगा, बल्कि पूरी दुनिया भारत को आदर्श राष्ट्र के रूप में देखेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विधि अध्ययनशाला के छात्र भविष्य में न केवल अच्छे वकील और न्यायविद बनेंगे, बल्कि समाज के सजग प्रहरी भी साबित होंगे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने शिक्षकों को स्मृति चिन्ह और उपहार भेंट किए। कार्यक्रम का आभार BALLB प्रथम सेमेस्टर की छात्रा तुलसी ने किया।

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