लखनऊ :- बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज , लखनऊ में पार्टी के जिला अध्यक्षों और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा हाल के संगठ नात्मक बदलावों और आगामी चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करना है।बैठक में लोकसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर विस्तार से चर्चा की गई और भविष्य की रणनीति तय की गई।

यह भी बताया जा रहा है कि इस बैठक में कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में एक बड़ी रैली आयोजित करने की योजना पर भी विचार किया गया है।हाल ही में मायावती ने आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक का पद दिया है, जिसके बाद यह पहली बड़ी बैठक है। इस बैठक में पंचायत चुनावों और 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।: बसपा के संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम की पुण्यतिथि 9 अक्टूबर को लखनऊ में होने वाले राज्यव्यापी कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की अपील की गई। : उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों, संतों, गुरुओं और महापुरुषों का निरादर करके सामाजिक, सांप्रदायिक और राजनीतिक हालात बिगाड़ने के षड्यंत्र पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई।
अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी ‘ट्रम्प टैरिफ’ से पैदा हुई नई चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और भाजपा को जनहित का ध्यान रखते हुए अपनी नीतियों में सुधारवादी रवैया अपनाने की जरूरत बताई गई।
मायावती ने यूपी बसपा की राज्य-स्तरीय बैठक में संगठन के गठन और जमीनी स्तर पर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के अभियान की समीक्षा की। इस दौरान लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल होने पर संतोष व्यक्त किया गया। मायावती ने बताया कि मान्यवर श्री कांशीराम जी की पुण्यतिथि का कार्यक्रम लखनऊ में ‘मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल’ में आयोजित होगा, जिसका नेतृत्व वह स्वयं करेंगी। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट दी।मायावती ने कार्यकर्ताओं को वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हालात से आगाह किया।
उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियां बसपा को कमजोर करने के लिए लगातार षड्यंत्र कर रही हैं, ताकि बहुजन समाज के लोगों को उनके संवैधानिक और कानूनी अधिकारों से वंचित रखा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सरकारों को संकीर्ण राजनीति छोड़कर ऐसे आपराधिक तत्वों पर कड़ा कानूनी रवैया अपनाना चाहिए जो धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।
‘ट्रम्प टैरिफ’ का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि भारत और भाजपा को व्यापक जन व देशहित को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियों में ठोस सुधार करने की जरूरत है, वरना गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी जैसी समस्याएं और भी जटिल हो जाएंगी और देश का मान-सम्मान प्रभावित होगा।
